Written By
Sahil Dhimaan
हाल ही में, भारतीय Fintech Startup Bharat-Pe के , अशनीर ग्रोवर को Tax Notice मिला है, जिसने स्टार्टअप और उद्यमिक समुदाय के बीच बहस को जन्म दिया है,
दरअसल पिछले महीने के दौरान, कई स्टार्टअप्स, जिनमें ग्रोवर की खुद की कुछ स्टार्टअप्स शामिल हैं, ने इनकम टैक्स नोटिस प्राप्त किए हैं, जिसमेंShareholders के बारे में विस्तार सूचना प्रस्तुत करने की मांग की जा रही है।
इन नोटिसों में अधिकारियों ने अनूठी मांग की है। उन्होंने इन स्टार्टअप्स से मांग की है कि वे अपने Share holders के पिछले तीन साल के इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) प्रस्तुत करें।
Ashneer Grover को ये बात अछि नहीं लगी और इसपर वो Ministry Of Finance India को ताड़ते हुए कहते हैं की, स्टार्टअप्स के पास उनकेShareholders के ITR रिकॉर्ड्स कैसे हो सकते हैं?
स्टार्टअप्स मुख्य रूप से अपने खुद के Financial Data और ऑपरेशन्स पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिसके लिए Shareholders के ITR की मांग चौंकाने वाली है।
इसके साथ ही, यह भी समझने में समय लगता है कि Shareholders अपनी व्यक्तिगत Income Tax जानकारी को खुद के प्राइवेट कंपनियों के साथ साझा क्यों करेंगे?
सामान्यत: Shareholders और Companies के बीच का संबंध हिस्सेदारी और डिविडेंड के चारों होता है, और इस तरह की भरपूर वित्तीय डेटा साझा करने का कोई परंपरागत अभिवादन नहीं होता है।
अशनीर ग्रोवर, अपने अख्खड़ नेत्री स्वभाव के लिए जाने जाते हैं। ग्रोवर ने इस तरह के नोटिसों के पीछे सवाल उठाया है की इन तरहं के टैक्स नोटिसों के जारी होने से भारत के बढ़ते हुए स्टार्टअप इकोसिस्टम के अंदर विवाद भी उत्पन्न हो रहा है ।