डिजिटल मार्केटिंग क्या है, कैसे की जाती है?

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तो, डिजिटल मार्केटिंग क्या है? डिजिटल मार्केटिंग दरअसल वो तरीका है जिससे व्यापारी अपने ब्रांड या कंपनी का इंटरनेट और अन्य डिजिटल जगहों पर अपना प्रचार करते हैं। इन डिजिटल प्लेटफार्म में शामिल हैं वेबसाइट्स, सोशल मीडिया, ईमेल आदि, जिनका उपयोग करके व्यापार को प्रमोट किया जाता है।

यह एक तरह का विज्ञापन होते हैं, बस फर्क इतना होता है की इसे ऑनलाइन किया जाता हैं। 2020 में इस डिजिटल मार्केटिंग व्यवसाय की कुल कीमत $350 बिलियन थी और विशेषज्ञों के अनुसार 2026 तक यह $786.2 बिलियन तक बढ़ सकती है।

इसकी सालाना वृद्धि दर 9% है, जिसका मतलब है कि यह हर साल थोड़ा और बड़ा हो रहा है। 2020 से 2021 तक व्यापारों के डिजिटल मार्केटिंग बजट में 14% की वृद्धि दर्ज की गयी थी, जिससे दिखता है कि सबको इसकी जरूरत महसूस हो रही है।

लेकिन डिजिटल मार्केटिंग क्या है? डिजिटल मार्केटिंग कैसे काम करती है? कुछ लोग अभी भी इससे अनजान है। तो चलिए जानते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग क्या है? (Online Marketing Meaning in Hindi)

डिजिटल मार्केटिंग को ऑनलाइन मार्केटिंग भी कहा जाता है जिसका अभिप्राय एक ऐसी विपणन प्रक्रिया (Marketing Process) से है जिसमें व्यवसाय इंटरनेट और अन्य डिजिटल माध्यमों का उपयोग करके अपने उत्पादों या सेवाओं की प्रमोशन और प्रचार करते हैं।

मतलब यह कि एक व्यवसाय अपनी बिज़नेस सेल्स को बढ़ने के लिए जब इंटरनेट पर अपने प्रोडक्ट्स का प्रचार प्रसार करता हैं तो उसे डिजिटल मार्केटिंग कहा जाता है। जैसे की, तुमने देखा होगा कि फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसे जगहों पर अद्वितीय विज्ञापन आते हैं, ये सब ही डिजिटल मार्केटिंग के हिस्से कहलाये जाते हैं।

A Study by WinterBerry Group Tells that 55 percent of marketing is digital.

Word Stream की स्टडी के अनुसार 55% मार्केटिंग डिजिटल बन चुकी है। तो अगर साधारण शब्दों में अगर बताना हो की डिजिटल मार्केटिंग क्या है तो यह विपणन का एक आधुनिक माध्यम है जिसकी मदद से व्यापारिक लोग इंटरनेट के जरिए अपने उत्पादों को प्रचारित करते हैं और उनकी बिक्री बढ़ाने की कोशिश करते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग क्या है उदाहरण सहित समझाइए

चलो मैं आसानी से उदहारण के साथ समझाता हूँ की डिजिटल मार्केटिंग क्या है। पुराने ज़माने में मार्केटिंग के कुछ विकल्प प्रचलित थे जैसे की चिट्ठियाँ भेजना, दुकान के पास किसी सड़क पर बैनर लगा सकता है, ताकि गुजरने वाले लोग उसकी दुकान का नाम देख सकें, वो कुछ सामान के मुफ्त नमूने दे सकता है, ताकि लोग उसके दुकान आकर चीज़ें खरीदें।

इस मार्केटिंग का एक भौतिक रूप है जिसे “Traditional Marketing” यानि पुराने ज़माने की मार्केटिंग भी कहा जाता है।

नए ज़माने की Digital Marketing, पूरी तरह से Digitally की जाती है। यानी मार्केटिंग के तमाम भौतिक साधनों का आज एक आधुनिक रूप है। उदहारण के लिए, अब दीवार पर चिपकने वाले पोस्टर digital poster बन गए हैं। सड़क किनारे लगे बैनर्स अब digital ad campaigns का रूप ले रहे हैं।

ठीक है, दुसरे उदाहरण के जरिए समझते हैं।

सोचो, तुम्हारा दोस्त ‘राहुल’ है और वो एक शॉप चलाता है जिसमें विभिन्न प्रकार की खिलोने बेचता है। अब राहुल की दुकान की बिक्री बढ़ाने के लिए उसने डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग करना शुरू किया।

डिजिटल मार्केटिंग क्या है उदाहरण

राहुल ने फेसबुक पर एक पेज बनाया जिसमें वो अपनी टॉय्स की तस्वीरें और जानकारी डालता है। उसने फेसबुक विज्ञापन का भी इस्तेमाल किया ताकि ज्यादा लोग उसके पेज को देखें। जब लोग उसके पेज को लाइक करते हैं, तो उन्हें रोज़ाना आकर्षक खिलोनो के बारे में जानकारी मिलती है जिसे वे तुरंत राहुल से ऑनलाइन आर्डर कर लेते हैं।

राहुल ने अपनी खुद की वेबसाइट भी बनवाई है जिसमें उसने अपने प्रोडक्ट्स की विस्तृत जानकारी डाली है। जब लोग इंटरनेट पर खिलोनो की तलाश में होते हैं, तो उन्हें उसकी वेबसाइट मिलती है और वो वहाँ से खरीद सकते हैं।

उसने एक ईमेल सूची भी तैयार की है जिसमें वो अपने ग्राहकों को नए प्रोडक्ट्स और ऑफ़र्स की जानकारी ईमेल के माध्यम से भेज सकता है।

इस प्रकार, राहुल डिजिटल मार्केटिंग का उपयोग करके अपने दुकान की बिक्री को बढ़ावा दिया है। उसने इंटरनेट के माध्यम से अपने ग्राहकों से सीधे जुड़कर उन्हें उनके पसंदीदा टॉय्स की जानकारी प्रदान की और उन्हें खरीदारी के लिए प्रेरित किया। यही डिजिटल मार्केटिंग है!

डिजिटल मार्केटिंग का महत्त्व

देखो डिजिटल मार्केटिंग बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह तुम्हारे व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है। अगर आप समझ चुके हो की डिजिटल मार्केटिंग क्या है तो इन पर एक नजर डालिये :

ब्रांड जागरूकता बढ़ाना: डिजिटल विज्ञापन व्यवसाय की ब्रांड जागरूकता को 80% तक बढ़ा सकता है। इसका मतलब है कि जब तुम अपने उत्पाद या सेवाओं के विज्ञापन को ऑनलाइन दिखाते हो, तो लोग उसके बारे में अधिक जानते हैं और वह तुम्हारे ब्रांड को याद रखते हैं।

प्रदर्शन विज्ञापन के पश्चात्तर खोज बढ़ना: जब लोग प्रदर्शन विज्ञापनों का संवाद प्राप्त करते हैं, तो उनकी खोज गतिविधि 155% तक बढ़ जाती है। उन्हें वह विषय रुचिकरण स्थलों पर ज्यादा खोजने की प्रावधानिकता होती है जिनसे उनकी रुचि होती है।

रीटार्गेटिंग विज्ञापन का प्रभाव: रीटार्गेटिंग विज्ञापन से उपभोक्ता 70% तक ज्यादा संभावना होती है कि वो खरीदारी करेंगे। इसका मतलब है कि यदि कोई व्यक्ति पहले तुम्हारे उत्पाद या सेवा के बारे में जानकारी प्राप्त करता है और फिर उसे उसके बारे में विज्ञापन दिखाया जाता है, तो उसकी खरीद करने की संभावना बढ़ जाती है।

PPC का रिटर्न: प्रति खर्च पर प्राप्त होने वाला लाभ (ROI) पेपर क्लिक (PPC) के माध्यम से $2 के बराबर होता है, जो 200% की रिटर्न ऑन इन्वेस्टमेंट (ROI) है।

वेबसाइट की बढ़ती प्रस्तुति: जब कोई व्यक्ति प्रदर्शन विज्ञापन को देखने के बाद संबंधित खोज करता है, तो उसके बढ़ते उत्साह से 59% की संभावना होती है कि वह उत्पाद या सेवा को खरीदेगा।

डिजिटल मार्केटिंग का महत्त्व importance of digital marketing in hindi

इसके साथ ही, सोशल मीडिया विज्ञापनों के द्वारा ब्रांड जागरूकता बढ़ने के लिए भी बड़ा महत्वपूर्ण रोल निभाते हैं। उन्हें विशिष्ट ग्रुप और समुदायों में जोड़कर उनके ब्रांड के साथ संवाद करने का भी अवसर मिलता है। तो, डिजिटल मार्केटिंग व्यवसाय के लिए एक महत्वपूर्ण तरीका है जो उन्हें उनके ग्राहकों के साथ सीधे और प्रभावी तरीके से जुड़ने में मदद करता है।

इस प्रकार से, डिजिटल मार्केटिंग व्यवसायिक दुनिया में आजकल महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, क्योंकि यह व्यवसायियों को उनके ग्राहकों तक आसानी से पहुँचने का एक सुरक्षित और प्रभावी तरीका प्रदान करता है।

डिजिटल मार्केटिंग Vs ट्रेडिशनल मार्केटिंग में अंतर

डिजिटल मार्केटिंग और ट्रेडिशनल मार्केटिंग में अंतर की और नजर डालते हैं। साधारण शब्दों में कहें तो डिजिटल मार्केटिंग ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म्स का उपयोग करके ग्राहकों तक पहुँच प्रदान करता है, जबकि ट्रेडिशनल मार्केटिंग ऑफ़लाइन माध्यमों का उपयोग करके ग्राहकों तक पहुँचता है।

डिजिटल मार्केटिंग में नतीजों का विश्लेषण और मापन आसान होता है, जबकि ट्रेडिशनल मार्केटिंग में यह कठिन हो सकता है। निचे दिए गए टेबल से आप दोनों में फर्क को थोड़ा और आसानी से समझते हैं।

पॉइंटडिजिटल मार्केटिंगट्रेडिशनल मार्केटिंग
पहुँचडिजिटल माध्यमों का उपयोग करके ग्राहकों तक पहुँचता है, जैसे कि वेबसाइट, सोशल मीडिया, ईमेल आदि।ऑफ़लाइन माध्यमों के माध्यम से ग्राहकों तक पहुँचता है, जैसे कि प्रिंट मीडिया, टीवी, रेडियो आदि।
निवेदन की समर्थनविशिष्ट ग्रुपों और समुदायों को निश्चित करने के लिए समर्थन प्रदान करता है, जैसे कि विशिष्ट ऑडियंस के लिए टारगेटेड विज्ञापन।निश्चित करने में कठिनाई हो सकती है, जैसे कि टारगेट ऑडियंस को पहुँचाना या विशिष्ट समुदायों को लागू करना।
नतीजों का मापननतीजों का आसानी से मापन और विश्लेषण करने की सुविधा, जैसे कि वेब एनालिटिक्स और कॉन्वर्जन ट्रैकिंग।नतीजों का मापन और विश्लेषण कठिन हो सकता है, क्योंकि यह अधिक अव्यवस्थित हो सकता है।
लागत प्रभावितआमतौर पर कम लागत में अधिक पहुँच प्राप्त कर सकता है, खासकर छोटे व्यवसायों के लिए।अधिक लागत हो सकती है, खासकर बड़े स्केल पर, जैसे कि टीवी विज्ञापन की लागत।
संवादित होने की सुविधाग्राहकों के साथ सीधे और अनुभवी तरीके से संवादित होने की सुविधा, जैसे कि सोशल मीडिया पर बातचीत और डायरेक्ट मैसेजिंग।अधिक पैम्फलेट और अन्य माध्यमों की आवश्यकता होती है, जो संवादित होने में अधिक कठिनाई पैदा कर सकता है।
स्थायिताऑनलाइन प्रेसेंस और विज्ञापन की स्थायिता माध्यमों के साथ जुड़ी होती है, जैसे कि वेबसाइट का स्थायिता और सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल।विज्ञापनों की स्थायिता आमतौर पर कम होती है और उनकी प्रभावितता कम समय तक हो सकती है।
यहाँ पर आपके एक विस्तृत तालिका दिखाया गया है, जिससे आपको दोनों मार्केटिंग विधियों के बीच अंतर की समझ मिल सके।

डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार भी है जिन्हे हम आगे डिसकस करेंगे।

डिजिटल मार्केटिंग के प्रकार (Types of Online Marketing in Hindi)

डिजिटल मार्केटिंग कई प्रकार के होते हैं, जिनमें से कुछ निम्नलिखित हैं:

Search Engine Marketing (एसईएम): यह आपके विज्ञापनों को Google पर Top Search Results में प्रदर्शित करके ट्रैफ़िक प्राप्त करने की तकनीक होती है, यह आपकी बिज़नेस वेबसाइट को Google Search Engine में अधिक दिखाने के लिए उपयोग होती है। इसका उद्देश्य अधिकतम Organic या Paid ट्रैफ़िक प्राप्त करना होता है।

Social Media Marketing (सोशल मीडिया मार्केटिंग): यह सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स का उपयोग करके आपके विज्ञापनों को ग्राहकों तक पहुँचाने की तकनीक होती है।

Content Marketing (कंटेंट मार्केटिंग): यह उच्च-गुणवत्ता वाले और उपयोगी सामग्री को सिर्फ़ प्रचार के लिए नहीं बल्कि ग्राहकों की मांग को पूरा करने के लिए उपयोग करती है।

Email Marketing (ईमेल मार्केटिंग): इसमें आप अपने ग्राहकों को ईमेल द्वारा विभिन्न प्रकार के विज्ञापन और सामग्री प्रेषित करते हैं।

Affiliate Marketing (अफ़िलिएट मार्केटिंग): इसमें आप अन्य लोगों के उत्पादों का प्रचार करके उनसे कमीशन कमा सकते हैं।

Influencer Marketing (इन्फ़्लुएंसर मार्केटिंग): इसमें सोशल मीडिया पर प्रसिद्ध व्यक्तियों का उपयोग करके विज्ञापन करने की तकनीक होती है।

Video Marketing (वीडियो मार्केटिंग): यह वीडियो कंटेंट का उपयोग करके आपके विज्ञापनों को प्रस्तुत करने की तकनीक होती है, जैसे कि यूट्यूब मार्केटिंग।

ये हैं कुछ डिजिटल मार्केटिंग के प्रमुख प्रकार, जो व्यवसायों को विभिन्न तरीकों से अपने उत्पादों और सेवाओं की प्रचार करने में मदद करते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग से जुड़ी मुख्या जानकारी (Things to Consider)

डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से अपने व्यवसाय को सफलता दिलाने के लिए कुछ मुख्य बिंदुओं को ध्यान में रखना महत्वपूर्ण होता है:

लक्ष्य सेट करें: पहले से ही व्यापारिक लक्ष्य तय करें कि आप डिजिटल मार्केटिंग के माध्यम से क्या प्राप्त करना चाहते हैं, जैसे कि विशिष्ट वेबसाइट ट्रैफ़िक, ब्रांड विशेषता, या बिक्री वृद्धि।

आपके टारगेट ऑडियंस का अनुसरण करें: आपके पूरे व्यवसाय की डिजिटल प्रेसेंस को अपने लक्ष्य और टारगेट ऑडियंस के अनुसार अनुकूलित करें।

प्लैनिंग और स्ट्रैटेजी: एक अच्छी प्लैनिंग और स्ट्रैटेजी डिजिटल मार्केटिंग के सफलता की कुंजी होती है। आपको कौन से माध्यमों का उपयोग करना है और कैसे प्रदर्शन करना है, इसे पहले से ही निर्धारित करना महत्वपूर्ण है।

उपयुक्त डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म चुनें: आपके लक्ष्यों और टारगेट ऑडियंस के आधार पर सही डिजिटल प्लेटफ़ॉर्मों का चयन करें, जैसे कि वेबसाइट, सोशल मीडिया, ईमेल, आदि।

कंटेंट क्वालिटी का ध्यान रखें: आपके प्रदर्शन के लिए तैयार किए गए कंटेंट की गुणवत्ता महत्वपूर्ण है। उच्च गुणवत्ता वाले, उपयोगी, और स्थायी कंटेंट से ग्राहकों का आकर्षित करने का माध्यम बनता है।

विशेषज्ञ सहायता: डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में विशेषज्ञ से मादक सहायता प्राप्त करना महत्वपूर्ण हो सकता है, विशेषकर अगर आपको तकनीकी या विपणन की ज्ञान की आवश्यकता हो।

मापन और विश्लेषण: आपकी मार्केटिंग प्रयासों की सफलता की मापन और विश्लेषण करने के लिए उपयोगी उपकरण और डेटा का उपयोग करें।

नियमित अद्यतन: डिजिटल मार्केटिंग के क्षेत्र में नई त्रैंतियाँ और तकनीकों का अद्यतन करना बहुत महत्वपूर्ण है, ताकि आपके प्रदर्शन में सुधार हो सके।

इन बिंदुओं का पालन करके आप अपने डिजिटल मार्केटिंग प्रयासों को प्रदर्शनशील बना सकते हैं और अधिक साक्षरता प्राप्त कर सकते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग के फायदे और नुक्सान

डिजिटल मार्केटिंग क्या है ये जान लेने के बाद आपको एक नजर डिजिटल मार्केटिंग के फायदे और नुक्सान पर भी डालनी चाहिए।

डिजिटल मार्केटिंग के फायदे:

डिजिटल मार्केटिंग एक अद्वितीय तरीका है व्यवसायिक उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए। इसके कुछ महत्वपूर्ण फायदे निम्नलिखित हैं:

  1. विस्तारित पहुँच: डिजिटल मार्केटिंग आपको आपके उद्देश्य ग्राहकों तक विशिष्ट रूप से पहुँचने की स्वतंत्रता देता है, चाहे वे कहीं भी हों।
  2. कम लागत: यह अनुप्राप्त माध्यमों की तुलना में कम लागत में प्रचार और प्रमोशन करने का मौका प्रदान करता है, जो छोटे व्यवसायों के लिए बहुत उपयोगी हो सकता है।
  3. संवादित होने की सुविधा: सोशल मीडिया और ईमेल के माध्यम से सीधे संवादित होने की सुविधा होती है, जो ग्राहकों के साथ अधिक संबंध और संवाद बनाने में मदद करता है।
  4. सांख्यिकीय डेटा: आपको आपके प्रचार कार्यों की प्रभावीता को मापने के लिए विस्तारित सांख्यिकीय डेटा प्राप्त होता है, जिससे आप अपनी मार्केटिंग स्ट्रैटेजी को समझ सकते हैं।

डिजिटल मार्केटिंग के नुक्सान:

जैसे कि हर चीज़ के साथ होता है, डिजिटल मार्केटिंग के भी कुछ नुक्सान हो सकते हैं, जिनमें कुछ निम्नलिखित हैं:

  1. शिक्षित नहीं ग्राहक: विशेषकर बड़े वयस्क जनसमूह के लिए, डिजिटल माध्यम का उपयोग करना कठिन हो सकता है क्योंकि उन्हें तकनीकी संचालन की जानकारी नहीं हो सकती।
  2. सामग्री की बहुतायत: इंटरनेट पर इतनी सामग्री होने के कारण, आपकी सामग्री को उन लोगों तक पहुँचाना कठिन हो सकता है जिनके लिए यह महत्वपूर्ण है।
  3. असंभव प्रतिसाद: सोशल मीडिया पर ग्राहकों के द्वारा नकारात्मक प्रतिसाद आने की संभावना होती है, जिसका संभावित प्रभाव आपके ब्रांड पर पड़ सकता है।
  4. सुरक्षा की समस्याएँ: डिजिटल मार्केटिंग में सुरक्षा की समस्याएँ हो सकती हैं, जैसे कि ऑनलाइन हैकिंग और डेटा चोरी।

इस प्रकार, डिजिटल मार्केटिंग के अनेक फायदों के साथ-साथ कुछ नुक्सान भी हो सकते हैं, जो व्यवसायी अपनी मार्केटिंग रणनीति तय करते

और पढ़ें : – ऑनलाइन मार्केटिंग के लाभ और हानि | फायदे,नुक्सान

अंतिम शब्द

इस ब्लॉग के माध्यम से आप ऑनलाइन मार्केटिंग क्या और कैसे काम करते हैं ये साड़ी महत्वपूर्ण जानकारीप्राप्त करते हैं, विभिन्न विधियों और उपायों को समझाने, और डिजिटल व्यवसायिक मानदंडों के अनुसार कैसे सफलता प्राप्त कर सकते हैं, यह सब कवर कर किया गया हैं।

Sahil Dhimaan
Sahil Dhimaan

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