भारत 2030 तक प्राकृतिक गैस का हिस्सा 3X बढ़ाएगा

भारत ने एक बड़े संकल्प के साथ अपने वर्तमान ऊर्जा मिश्रण में मौजूद 6% प्राकृतिक गैस के हिस्से को 2030 तक 15% तक बढ़ाने की दिशा में कदम रखा है। इस साहसी प्रयास का मुख्य आदर्शक पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के राज्यमंत्री रमेश्वर तेली है। सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न दूर-दूर तक फैले रणनीतिक कदम उठा रही है, जैसा कि मंत्री ने लोकसभा को लिखित जवाब में बताया है।

2030 के लक्ष्य को हासिल करने के लिए रणनीतिक कदम

सरकार विविध दृष्टिकोण उर्जा मिश्रण (Energy Mix) में 15% प्राकृतिक गैस (Natural Gas) हिस्से को प्राप्त करने के लिए कई रणनीतिक कदमों का समावेश कर रही है:

राष्ट्रीय गैस ग्रिड पाइपलाइन का विस्तार: इस महत्वपूर्ण कदम में राष्ट्रीय गैस ग्रिड पाइपलाइन का विस्तार है, जो पूरे राष्ट्र में प्राकृतिक गैस का कुशल प्रवितरण करने के लिए एक व्यापक नेटवर्क बनाता है।

शहरी गैस वितरण (CGD) नेटवर्क का विस्तार: यह भी इस रणनीति का एक मूल कदम है जिसमे शहरी गैस वितरण नेटवर्क का विस्तार होगा, जिससे शहरी और उपनगरीय क्षेत्रों में प्राकृतिक गैस के स्रोतों की सुरक्षित और निष्कर्षित पहुंच हो सके।

शुद्धिकृत प्राकृतिक गैस (LNG) टर्मिनल की स्थापना: LNG टर्मिनल स्थापित करना भी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में होने वाली मांग को पूरा करने के लिए प्राकृतिक गैस में आयात और संग्रहण की सुविधा प्रदान करता है।

CNG और PNG के लिए घरेलू गैस का आवंटन: सरकार उपयोग में प्राकृतिक गैस की स्थिर आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए Compressed Natural Gas (CNG) परिवहन क्षेत्र में और Piped Natural Gas (PNG) घरेलू उपयोग के लिए समर्पित है। इस आवंटन को “कटौती नहीं” के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जो स्थिरता की पुष्टि करता है।

विशिष्ट गैस स्रोतों के लिए बाजार और मूल्य आज़ादी: सरकार की दृष्टिकोण में आगे के दिशानिर्देश शामिल है जिसमें उच्च-दबाव/उच्च-तापमान क्षेत्रों, गहरे पानी, अत्यधिक गहरे पानी और कोयले के शिला से निकली गैस को बाजारीकरण और मूल्य आज़ादी प्रदान करने का उल्लेख भी है। इससे विविध गैस स्रोतों के अन्वेषण और उपयोग को बढ़ावा मिलता है।

SATAT के माध्यम से बायो-सीएनजी का प्रोत्साहन: सतत यातायात के लिए विकसित होने वाले एक पर्यावरण-मित्र विकल्प, Sustainable Alternative Towards Affordable Transportation (SATAT), में बायो-सीएनजी को प्रोत्साहित किया जाता है, जो परिवहन ईंधन के लिए एक स्थायी और पर्यावरण-सौहार्दपूर्ण विकल्प है।

LNG आपूर्ति के लिए रणनीतिक साझेदारियाँ

  • भारतीय तेल और टोटल एनर्जीज के बीच समझौता: 10 जुलाई को, भारतीय तेल ने टोटल एनर्जीज गैस और पावर के साथ महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस समझौते में 2026 से दस वर्षों तक लिक्विफाइड प्राकृतिक गैस (LNG) की आपूर्ति का प्रावधान है, जो टोटल एनर्जीज के पोर्टफोलियो से होगा।
  • भारतीय तेल और अबू धाबी गैस के सहयोग: 13 जुलाई को, भारतीय तेल और अबू धाबी गैस लिक्विफेकेशन कंपनी लिमिटेड (एडनॉक एलएनजी) के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ। यह रणनीतिक सहयोग 2026 से 14 वर्षों तक 1.2 एमएमटीपीए लिक्विफाइड प्राकृतिक गैस (LNG) की आपूर्ति का प्रावधान करता है।

निष्कर्ष

डॉ. रमेश्वर तेली के नेतृत्व में भारत अपने ऊर्जा मिश्रण में प्राकृतिक गैस के हिस्से को 2030 तक 15% तक बढ़ाने के लिए उठाए गए साहसिक प्रयासों का अभिन्न रूप से पालन कर रहा है, और इसे सरल और सुलभ शब्दों में प्रस्तुत किया गया है। डॉ. तेली की नेतृत्व में, और स्पष्ट दिशानिर्देश में, भारत एक ऊर्जा-संदर्भ में गैस के प्रयासों में मजबूती से अग्रसर हो रहा है।

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