जीएसटी लाभ और हानि | GST क्यों भरें ?

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GST, जिसका पूरा नाम “गुड्स एंड सर्विस टैक्स” है, एक विशेष प्रकार का कर है जो भारत में July 1, 2017 लगाया गया है। यह भारतीय अर्थव्यवस्था में एक सामान और एक सटीक टैक्स नीति लाने का प्रयास है। इसी प्रकार जीएसटी लाभ और हानि का कई प्रकार से व्याख्यान किया जाता है।

लेकिन, GST का मुख्य उद्देश्य है भारत में विभिन्न जगहों पर लगे हुए कई प्रकार के करों (जैसे केन्द्रीय एवं राज्य कर) को एकत्रित करके एक सामान टैक्स बनाना। इससे व्यापारी और उपभोक्ता दोनों को आसानी से कर को समझने और भरने में मदद मिलती है।

जिस भी वस्तु या सेवा पर GST लागू होता है, उसके लिए एक निश्चित टैक्स दर तय की जाती है, जो उसके मूल्य पर लगाया जाता है। इससे अर्थव्यवस्था को सरल बनाने, करों में पारदर्शिता लाने और व्यापार को बढ़ावा देने में मदद मिलती है।

पर GST के फायदा और नुक्सान क्या हैं। चलिए जानते हैं और चर्चा करते हैं जीएसटी लाभ और हानि के सन्दर्भ में।

जीएसटी लाभ और हानि : विस्तृत विश्लेषण

चलिए देरी ना करते हुए आगे बढ़ते हैं और जीएसटी लाभ और हानि को गहराई से समझते हैं पर सबसे पहले GST के लाभों को विस्तार से जानते हैं।

जीएसटी के लाभ (GST Benefits in Hindi)

निचे जीएसटी के लाभ (GST Benefits in Hindi) को विस्तार से बताने का प्रयास किया गया हैं ताकि आप समझ सकें की गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स के क्या-क्या फायदे हैं।

जीएसटी लाभ और हानि GST के फायदे हिंदी में
Image credit: Gyanfry.com (Topic: जीएसटी लाभ और हानि | GST ke laabh)

सरलीकरण (Simplification)

GST ने भारतीय अर्थव्यवस्था में कर नीति को सरल बना दिया है, क्योंकि इससे कई प्रकार के करों जैसे केंद्रीय उत्पादक सेवा कर (Central Excise), सेवा कर (Service Tax) और वैल्यू एडेड टैक्स (Value Added Tax) को एक ही कर में एकत्रित कर दिया गया है।

उदाहरण: पहले, एक व्यापारी को अलग-अलग करों को भरने में परेशानी होती थी, जैसे केंद्रीय उत्पादक सेवा कर, सेवा कर और वैल्यू एडेड टैक्स। GST के लागू होने से, व्यापारी को एक समान टैक्स फॉर्म भरना पड़ता है, जिससे सब करों को सरल बनाया गया है। यह जीएसटी लाभ और हानि की गणना में एक अहम् बिंदु हैं।

इनपुट टैक्स क्रेडिट (Input Tax Credit)

GST के अंतर्गत, व्यापारियों को अपनी खरीदारियों पर दिए गए कर के लिए टैक्स क्रेडिट का दावा करने की अनुमति मिलती है, जो उनके लिए कुल कर भार को कम करके सहज व्यापार सुनिश्चित करता है और सप्लाई चेन में क्रेडिट की सुविधा को बढ़ावा देता है।

उदाहरण: जीएसटी लाभ और हानि के एक होर उदाहरण से समझते हैं, एक फर्नीचर विक्रेता को नये स्टॉक के लिए सामान खरीदना पड़ता है। उसे खरीदारी के समय कर देना पड़ता है। GST के तहत, जब वह फर्नीचर खरीदकर बिक्री करता है, तो उसे उस समय के कर का बचत भी मिलता है, जिसे उसे इनपुट टैक्स क्रेडिट कहते हैं। यह उसके लिए अधिक फायदेमंद है।

एकसमान कर दरें (Uniform Tax Rates)

GST ने अलग-अलग राज्यों और क्षेत्रों में कर दरों को समान बना दिया है, जिससे कई कर दरों की जटिलता को खत्म किया गया है। यह भी जीएसटी लाभ और हानि के इस लेख में एक अहम् चीज है।

उदाहरण: उदाहरण के लिए एक आभूषण विक्रेता उत्तर भारत से दक्षिण भारत को आभूषण भेज रहा है। पहले, उसको हर राज्य में अलग-अलग कर दरों का पता होना पड़ता था। GST के बाद, सभी राज्यों में एक समान कर दर होने से उसे आभूषण भेजने में आसानी हो गई है।

ऑनलाइन अनुपालन (Online Compliance)

GST के अंतर्गत अधिकतम अनुपालन ऑनलाइन किया जाता है, जिससे व्यापारियों को शारीरिक पेपरवर्क की जरूरत कम होती है और कर भरने की सुविधा प्राप्त होती है।

उदाहरण: उदाहरण से समझते हैं – एक छोटे व्यवसायिका ने GST पोर्टल पर अपनी बिक्री की जानकारी भरनी शुरू की। पहले, वह पेपरवर्क में उलझ जाती थी, लेकिन ऑनलाइन अनुपालन के बाद, वह अपनी बिक्री की जानकारी आसानी से डिजिटल रूप में पा सकती है।

पंजीकरण के लिए उच्च सीमा (Higher Threshold for Registration)

GST छोटे व्यवसायों को पंजीकरण के लिए उच्च सीमा प्रदान करता है, जिससे छोटे व्यवसायों के लिए अनुपालन की बोझ कम होता है। आप ऐसे समझ सकते हैं।

उदाहरण: मान लीजिये एक नई फ़ैशन डिज़ाइनर ने अपनी खुद की फ़ैशन लेबल शुरू की। GST के तहत, उसे अपनी कंपनी को पंजीकृत करने के लिए उच्च सीमा मिली, जिससे उसके लिए प्रशासनिक कठिनाईयों कम हो गई।

उच्च पंजीकरण सीमा से, छोटे व्यवसायों को अधिक व्यापार करने की छूट मिलती है। ये व्यापारी जिनका आयात या निर्यात कम होता है, उन्हें अधिक व्यापार करने की छूट से लाभ होता है, क्योंकि उन्हें GST पंजीकरण की चिंता नहीं होती।

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पारदर्शी करण (Transparent Taxation)

GST कर नीति में पारदर्शिता लाने के लिए सहायक रहा है, जिससे भ्रष्टाचार और कर चोरी में कमी पाई गयी है।

उदाहरण: उदाहरण के लिए, सुपरमार्केट के मालिक राजेश जी अपनी दुकान के सारे बिक्री और खरीदारी को ऑनलाइन बिलिंग सॉफ़्टवेयर के माध्यम से रजिस्टर करते हैं जो सरकारी पोर्टल से जुड़ा हुआ है।

अब, जब भी राजेश जी किसी ग्राहक को चीज़ें बेचते हैं, तो उन्हें ऑनलाइन बिल, सभी बिक्री विवरण और GST टैक्स एकदम पारदर्शी रूप से दिखाई देते हैं। यह पारदर्शी बिलिंग प्रक्रिया उनके व्यापार को निष्पक्ष बनाती है और कर चोरी के खिलाफ उनकी सुरक्षा को सुनिश्चित करती है।

करों के ऊपर कर का अंत (Elimination of Cascading Effect)

जीएसटी लाभ और हानि के इस लेख में क्यूस्केडिंग प्रभाव का खत्म या साधारण भाषा में “करों के ऊपर कर” को खत्म कर देना भी एक समझने योग्य gst का लाभ है।

उदाहरण: पहले के टैक्स सिस्टम में, एक व्यापारी से जो सामान खरीदता था, उस पर उसके द्वारा चुकाये गए करों को फिर से उसे भी चुकाना पड़ता था। इससे करों के ऊपर कर होता था और इसे क्यूस्केडिंग प्रभाव कहते थे। यह विभिन्न तरीकों से कर भार को बढ़ाता था।

GST के लागू होने से, क्यूस्केडिंग प्रभाव खत्म हो गया। अब व्यापारी को उसके द्वारा खरीदे गए सामान पर चुकाए गए कर का बचत भी मिलता है और उसे उसी कर को फिर से चुकाने की आवश्यकता नहीं होती। इससे एक सामान्य व्यापारी को सरलता से तैयार होकर उसके बिज़नेस में कर भार बढ़ाने की जटिलता नहीं होती, जो विकास के लिए बहुत फायदेमंद होता है।

व्यापार करने की सुविधा को बढ़ावा (Promoting Ease of Doing Business)

सरल कर अनुपालन और समान कर दरें के साथ, GST ने भारत में व्यापार करने की सुविधा को बढ़ावा दिया है। इससे व्यापारियों को बिजनेस संचालन में आसानी मिलती है और उन्हें नए व्यवसाय को शुरू करने और बढ़ाने के लिए अधिक समय और पूंजी की आवश्यकता नहीं होती है।

उदाहरण:

  • “GST ने व्यापार करने की सुविधा को बढ़ावा दिया, क्योंकि यह अलग-अलग करों को भरने की परेशानी को खत्म कर दिया और सभी करों को एक समान टैक्स में शामिल कर दिया।”
  • “नए उद्यमियों के लिए सरकार ने अनुदान और आयतन के निर्माण के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाया है, जो उन्हें व्यापार करने की सुविधा को बढ़ावा देता है।”
  • “सरकारी नीतियों और उद्योग संगठनों के सहयोग से, भारत में विदेशी निवेशकों के लिए व्यापार करने की सुविधा को बढ़ावा दिया जा रहा है।”

निर्माण और निर्यात को बढ़ावा (Boost to Manufacturing and Exports)

GST के लाभों में से एक है ‘निर्माण और निर्यात को बढ़ावा’ GST ने वस्तुओं की बिना बाधा के अंतर-राज्य गतिविधि को सुविधाजनक बनाया है, जिससे निर्माण उद्योग और निर्यातकों को लाभ हुआ है। जीएसटी लाभ और हानि की व्याख्यान में यह भी एक अहम् बिंदु हैं।

उदाहरण: समझिए इसे इस तरह से, अब सोचिए एक छोटे व्यापारी का भारत में एक मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस है। GST के पहले, उसे उत्पादन के अलग-अलग चरणों पर विभिन्न करों का सामना करना पड़ता था। इससे उसके उत्पादन के मूल्य में वृद्धि हो जाती थी और उसे निर्माण खर्च में अधिक बर्बादी होती थी।

लेकिन जब GST लागू हुआ, तो उसे अपने सारे उत्पादन प्रक्रिया पर एक समान कर दर देना पड़ेगा। इससे उसके खर्च कम हुए और उत्पादन की गुणवत्ता बढ़ गई।

दक्ष आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन (Efficient Supply Chain Management)

GST ने व्यावसायिक आपूर्ति श्रृंखला के कार्यों को अनुकूल बनाया है क्योंकि इसमें सरलीकरण किया गया कर नीति का उपयोग होता है जिससे जीएसटी लाभ और हानि के बीच का अंतर भी पता लगता है।

उदाहरण: एक बड़े FMCG कंपनी ने अपनी सप्लाई चेन को ऑप्टिमाइज़ करना शुरू किया। GST के बाद, वह अपने उत्पादों की सप्लाई चेन को और अधिक दक्ष बना सकी, क्योंकि वह सरल कर दरों का उपयोग कर सकी।

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अर्थव्यवस्था का रूपांतरण (Formalization of the Economy)

GST ने अर्थव्यवस्था को रूपांतरित करने को प्रोत्साहित किया है क्योंकि इससे कई व्यवसाय ने कर नीति के अंतर्गत आना शुरू कर दिया है। जीएसटी लाभ और हानि लेख के इस बिंदु को सरलता से समझते हैं।

उदाहरण: GST से अर्थव्यवस्था का रूपांतरण वह प्रक्रिया है जिसमें अब व्यापारिक कार्य और वित्तीय गतिविधियां और भी संगठित और सरकारी नियमों के अनुसार होती हैं। इससे अर्थव्यवस्था में समझौता होता है और बाजार को विश्वसनीयता मिलती है। इससे सरकार को अधिक राजस्व मिलता है और देश के विकास को बढ़ावा मिलता है।

उच्च राजस्व संग्रह (Higher Revenue Collection)

GST से उच्च राजस्व संग्रह (Higher Revenue Collection) एक ऐसा प्रभाव है जिसमें गुड्स और सर्विस टैक्स (GST) के लागू होने से सरकार को अधिक राजस्व का संग्रह होने लगा है। जीएसटी लाभ और हानि के इस लेख को लिखते समय हमे मालूम पड़ा की अकेले April, 2023 में भारत सरकार ने ₹ 1,87,035 crore का gross GST revenue एकत्रित किया।

उदाहरण: सोनू एक छोटा बिस्कुट विक्रेता है। GST के पहले, उसे बिस्कुट खरीदने पर केवल सेवा कर भरना पड़ता था। लेकिन GST के बाद, उसे एक समान टैक्स रेट पर बिस्कुट खरीदने की अनुमति है और उसके विक्रेता के विक्रय के दौरान GST भी वसूला जाता है। इससे, सोनू ज्यादा बिक्री करके और ज्यादा GST भरकर, सरकार को उच्च राजस्व संग्रह होता है। इस प्रकार, GST से उच्च राजस्व संग्रह होने का लाभ हुआ।

बेहतर प्रतिस्पर्धा (Improved Competitiveness)

बेहतर प्रतिस्पर्धा (Improved Competitiveness) GST के लाभों में से एक है जो व्यापारियों को एक दूसरे के साथ संघर्ष करने में मदद करता है। इसको सरलता से समझाने के लिए निम्नलिखित शब्दों में उदाहरण दिया गया है:

उदाहरण: विक्रेता एक राज्य में अपने उत्पादों को बेचता था। उसके पास कुछ अधिक सामग्री आपूर्ति के कारण मूल्य और कर दरों में अंतर था। इससे उसके उत्पादों की कीमतें उसी राज्य के उत्पादों के मुकाबले महंगी थीं।

बाद में GST के लागू होने से, विक्रेता अब GST के तहत अपने उत्पादों की आपूर्ति को ऑप्टिमाइज़ (optimize) करता है। उसे अब सरलीकृत कर दरों में समानता मिलती है। यह कर दरों में उत्पादों के अंतरण को सुविधाजनक बना देता है। इससे उसके उत्पादों की कीमतें बढ़िया होती हैं और वह अब दूसरे राज्यों के व्यापारियों के साथ भी तकरार कर सकता है, जिससे उसकी बेहतर प्रतिस्पर्धा होती है।

निवेश को प्रोत्साहन (Encouraging Investment)

GST की पारदर्शी कर नीति ने निवेशकों के आत्मविश्वास को बढ़ाया है और भारत में घरेलू और विदेशी निवेश को प्रोत्साहित किया है।

उदाहरण: एक नई आइटम बनाने वाली विनिर्माता कंपनी ने अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए एक नया उद्योग खोलने का निर्णय लिया। वह इस नये उद्योग में निवेश करने के लिए तैयार थी, लेकिन उसे कर और व्यवसाय के नियमों के कारण परेशानी हो रही थी।

GST के प्रारंभ होने के बाद, उसे नए उद्योग में निवेश को प्रोत्साहन मिला, क्योंकि अब वह आसानी से नए उद्योग को रजिस्टर कर सकती थी और सरकारी नियमों के अनुसार अपने करों को नियंत्रित कर सकती थी। इससे विनिर्माता कंपनी ने नए उद्योग के निवेश को प्रोत्साहित किया और इससे व्यापार के विस्तार का भी सुअवसर मिला।

सामान की तेज़ आपूर्ति (Faster Movement of Goods)

GST ने राज्यों के बीच सामान की तेज़ आपूर्ति को सुनिश्चित किया है, क्योंकि इससे अन्तर-राज्य प्रवेश करने वाले कर बाधाओं को खत्म किया गया है।

उदाहरण: जब हम वस्त्रों की दुकान में जाते हैं, वहाँ हमें अलग-अलग शॉर्ट्स, कुर्ते, टी-शर्ट्स और जींस मिलते हैं। अब ध्यान देने वाली बात यह है कि ये सभी वस्त्र अलग-अलग शहरों और राज्यों में बनते हैं। पहले, जब हमारी दुकान बिना GST के थी, तो हम अपने शॉर्ट्स को खरीदने के लिए अलग-अलग राज्यों से वस्त्र उठाने पर बहुत समय लगता था।

लेकिन GST लागू होने के बाद, सभी राज्यों में एक समान टैक्स दर हो गई है। अब जब हम अपने शॉर्ट्स को खरीदने के लिए किसी भी राज्य में जाते हैं, तो हमें एक ही GST दर के साथ वस्त्र मिल जाते हैं। इससे हमारे वस्त्र खरीदने की गति तेज़ हो गई है, और वस्त्र का संचय भी आसानी से हो जाता है। इस तरह, GST ने सामान की तेज़ आपूर्ति को सुनिश्चित किया है, जिससे वस्त्रों की दुकान में ग्राहकों को बेहतर और तेज़ सेवा मिलती है।

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ये थे कुछ मुख्य लाभ जो GST ने भारतीय अर्थव्यवस्था और व्यापारियों को प्रदान किए हैं। उम्मीद है, इससे आपको समझने में आसानी हुई होगी। लेकिन ध्यान दे की जीएसटी लाभ और हानि के इस लेख में अभी जीएसटी के नुकसान पर बात करना शेष है।

जीएसटी के नुकसान (GST Disadvantages in Hindi)

जीएसटी लाभ और हानि के इस लेख में GST के लाभ को जानने के बाद आइये अब GST के नुक्सान के बारे में जानते हैं।

जीएसटी लाभ और हानि GST के नुकसान
Image credit: Gyanfry.com (Topic: जीएसटी लाभ और हानि | GST ke laabh)

शुरुआती कठिनाईयां (Initial Challenges)

जीएसटी के प्रारंभिक अमल में, कुछ छोटे व्यापारियों को इसे समझने में कठिनाईयां आईं। उदाहरण के लिए, एक छोटे बिज़नेस वाले व्यक्ति के पास पहले से न तो कंप्यूटर का ज्ञान था और न ही ऑनलाइन करवाने का अनुभव, लेकिन उन्हें जीएसटी के अनुगमन के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया का सामना करना पड़ा।

डुप्लिकेट अधिकार (Double Taxation)

जीएसटी लागू होने से पहले इसके अंतर्गत नहीं आने वाले कुछ वस्तुओं पर पहले से ही कर लगता था। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति ने एक वस्तु को खरीदी और उसके ऊपर कर भी चुकाया। फिर जीएसटी लागू होने पर, उसी वस्तु पर फिर से जीएसटी लगने से उसे कर के रूप में डुप्लिकेट अधिकार हो गया।

बदलते नियम और अनुपालन की कठिनाइयां (Changing Regulations and Compliance Challenges)

टैक्स नीति और अनुपालन नियमों को समय-समय पर सरकार द्वारा सुधारा जाता रहता है। इससे व्यापारियों को अपने व्यवसायिक प्रक्रियाओं को बदलने में कठिनाईयां हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, एक व्यापारी को नियमित अंतराल पर अपने खाते की जांच करनी पड़ती है क्योंकि नियमों में कोई सुधार किया गया है।

प्रत्यायोजन समस्या (Transitional Issues)

जीएसटी के प्रारंभिक लागू होने से पहले कुछ व्यापारियों के पास प्रत्यायोजन करने वाले उपकरण नहीं थे। इससे उन्हें अपने पुराने टैक्स प्रणाली से जीएसटी में समय पर स्विच करने में मुश्किलें हो सकती हैं।

वस्तुओं पर अत्यधिक टैक्स (Higher Tax on Certain Goods)

कुछ वस्तुओं पर जीएसटी लागू होने से पहले कम कर दर लगता था, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद उन पर टैक्स दर बढ़ जाती है। उदाहरण के लिए, किसी खास वस्तु पर पहले 12% कर लगता था, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद उसी वस्तु पर 18% टैक्स लगता है। इससे वस्तु की कीमत में वृद्धि होती है जिससे उपभोक्ता को नुकसान हो सकता है।

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उच्च प्रशासनिक लगान (High Administrative Costs)

जीएसटी के अंतर्गत, व्यापारियों को नए कर नियमों का अनुपालन करने के लिए अधिक प्रशासनिक प्रक्रियाएं अनुमोदित करनी पड़ती हैं। इससे उन्हें अधिक समय और ध्यान का खर्च होता है, जिससे उनके व्यावसायिक कार्यक्रम को प्रभावित किया जा सकता है।

मल्टीपल टैक्स स्ट्रक्चर (Multiple Tax Structure)

GST विभिन्न टैक्स स्तरों को विलय करता है, लेकिन कई सेक्टरों में अभी भी अतिरिक्त टैक्स संभव हैं, जैसे केंद्र शासित प्रदेश शुल्क (CST) और वस्तु एवं सेवा कर (VAT)। इससे वस्तुएं और सेवाएं का लागत उच्च हो सकता है और व्यापार को भटका सकता है।

टैक्स एवेज़न (Tax Evasion)

जीएसटी लागू होने से पहले कुछ व्यापारियों ने कर एवेज़न करके कर दर से बचने की कोशिश की है। इससे सरकार को अपने कर संग्रह में कमी हो सकती है और उसे आर्थिक नुकसान हो सकता है।

सेंसिटिव कंप्लायंस (Complex Compliance)

GST के नियमों का अनुपालन करने के लिए कुछ व्यापारियों को अधिक ध्यान और प्रशिक्षण की आवश्यकता हो सकती है। विभिन्न टैक्स दरों, परिप्रेक्ष्यों, और सेवा प्रक्रियाओं के लिए अलग-अलग नियम हो सकते हैं, जिससे कंप्लायंस करना मुश्किल हो सकता है।

सेवा उपभोक्ताओं पर असर (Impact on Service Consumers)

जीएसटी के अंतर्गत कुछ सेवाओं पर उच्च कर दर लगती है, जिससे सेवा उपभोक्ताओं को इन सेवाओं की लागत में वृद्धि हो सकती है। उदाहरण के लिए, अस्पतालों, शिक्षा संस्थानों और अन्य सेवा प्रदाताओं पर जीएसटी लागू होने से उनके परिश्रमिक की लागत बढ़ सकती है और सेवा उपभोक्ताओं को अधिक खर्चा हो सकता है।

ये थीं और कुछ जीएसटी के नुकसान जो व्यापारियों, सरकार और उपभोक्ताओं को प्रभावित कर सकते हैं। जीएसटी लाभ और हानि के बारे में अब आपको इस लेख के माध्यम से विस्तार से जानकारी मिले जिसे अब आप अपने दोस्तों से साझा कर सकते हैं।

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जीएसटी के लागू होने से बदलाव

जीएसटी लाभ और हानि के आलावा जीएसटी के लागू होने से निम्नलिखित बदलाव भी हुए है, जैसे:

एकीकरण (Uniformity): जीएसटी ने भारत में कर संरचना को एकीकृत किया है, जिससे पूरे देश में एक ही कर दर लागू होती है।

कर संग्रह (Simplified Tax Collection): जीएसटी ने कर संग्रह को सरल बना दिया है और व्यापारियों को एक एकल ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म के माध्यम से टैक्स भरने की सुविधा प्रदान की है।

कारोबार में सुधार (Business Ease): जीएसटी ने कारोबार में सुधार किए हैं, क्योंकि अब व्यापारियों को एक ही राज्य में बटोरे गए टैक्स और अनुपालन की चिंता नहीं करनी पड़ती है।

समय की बचत (Time Saving): जीएसटी ने व्यापारियों को पिछले टैक्स नियमों के मुकाबले समय की बचत की है, क्योंकि अब उन्हें कई टैक्स रिटर्न फ़ाइल नहीं करने पड़ते हैं।

कर्मचारियों की संख्या में कमी (Reduction in Workforce): जीएसटी के लागू होते ही, राजस्व संगठनों को कई प्रकार के कर निरीक्षण करने की ज़रूरत नहीं पड़ी, जिससे कर्मचारियों की संख्या में कमी हुई।

कर का बेहतर उपयोग (Better Utilization of Tax): जीएसटी ने कर संग्रह में बेहतर उपयोग को बढ़ावा दिया है, क्योंकि यह कर सीधे उपभोक्ताओं के व्यय पर पड़ता है और राजस्व संगठन के माध्यम से संसाधनों का उचित वितरण करने में मदद करता है।

अनुग्रहवती (Incentivizing): जीएसटी ने कुछ सेक्टरों को अनुग्रहवती बनाया है, जिससे उन्हें कम कर दरों का लाभ मिलता है और उनका प्रोत्साहन किया जा सकता है।

आर्थिक समर्थन (Economic Boost): जीएसटी ने आर्थिक समर्थन की दिशा में योगदान किया है, क्योंकि यह वस्तुओं की आपूर्ति और सेवाओं की प्रदान क्षमता को बढ़ा सकता है और व्यापार को सरल बना सकता है।

प्रदूषण की कमी (Reduction in Tax Evasion): जीएसटी के लागू होने से पहले कर एवेज़न करने की प्रवृत्ति थी, लेकिन अब व्यापारियों को कम कर एवेज़न करने के लिए बड़े संबंधानुसार कार्य करना पड़ता है।

आर्थिक संगठन की बढ़ती हुई गति (Economic Organization Growth): जीएसटी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को संगठित करने और गति बढ़ाने में मदद की है। यह व्यापारी और उपभोक्ता दोनों के लिए आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं प्रदान करता है।

यह थे कुछ मुख्य बदलाव जो जीएसटी के लागू होने से हुए हैं। जीएसटी लाभ और हानि के संधर्ब में एहि कह सकते हैं की इससे वस्तुओं और सेवाओं के व्यापार में सुधार हुआ है और भारतीय अर्थव्यवस्था में एकीकरण और सुधार को प्रोत्साहित किया गया है।

व्यापारियों के लिए जीएसटी के फायदे और चुनौतियां

जीएसटी व्यापारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो उन्हें टैक्स सिस्टम को सरल और अधिक समझने में मदद करता है। इसके मुख्य फायदे हैं समान कर दर और सरलता के कारण टैक्स कम समय में भरा जा सकता है। जीएसटी के अंतर्गत टैक्स नीति को अपडेट किया जाता है जो व्यापारियों को नए नियमों के लिए तैयार रहने की आवश्यकता होती है।

लेकिन इसके साथ ही, जीएसटी पोर्टल पर तकनीकी समस्याएं और टैक्स नीति के अधिक बदलाव के कारण कुछ व्यापारियों को परेशानी हो सकती है। विशेष रूप से छोटे व्यापारियों और नए व्यापारियों को जीएसटी के सिस्टम को समझने के लिए अधिक प्रयास करने की आवश्यकता होती है। इसलिए, व्यापारियों को जीएसटी के जीएसटी लाभ और हानि का समझना काफी जरूरी है।

निष्कर्ष (Conclusion)

तो ये थे जीएसटी लाभ और हानि। यहाँ हमने पढ़ा की जीएसटी के लाभ भी हैं और जीएसटी के नुक्सान भी हैं। हालाँकि लोगो के तर्क इस पर अलग अलग हो सकते है। लेकिन भारत सरकार का 2017 में GST को लांच करने का मुख्या उद्देश्य देश के कर सिस्टम में सुधार लाना था और इसका फायदा हो रहा है या नही हमनेयहाँ जीएसटी लाभ और हानि के इस लेख की मदद से आपका इसका पता लगा सकते हैं।

Sahil Dhimaan
Sahil Dhimaan

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