Zudio से सीखें रेडीमेड कपड़े का बिजनेस कैसे करते हैं

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जब आप खरीदारी के लिए Zudio पर जाते हैं, तो आपको उनके मूल्य निर्धारण मॉडल से पूरी तरह से चौंक जाएंगे, और आप आश्चर्यचकित हो जाएंगे कि Zudio के उत्पाद इतने सस्ते कैसे हो सकते हैं। इसके विपरीत, H&M, Zara और Allensolly जैसे ब्रांड महंगे माने जाते हैं।

Zudio ने अपनी अनोखी  प्राइस मॉडल के द्वारा भारतीय फैशन बाजार में अपनी प्रभावी पहुंच स्थापित की है और एक नई रिटेल रेडीमेड कपड़े का बिजनेस कैसे किया जाये इसकी एक झलक हमे दी है।  

लेकिन क्या है Zudio का रहस्य? कैसे यह भारतीय फैशन बाजार को अपनी ओर आकर्षित करने में सफल हुआ है? Zudio ने एक अनोखा Distributive Pricing Model अपनाया है, जो इसके business idea को अन्य ब्रांडों से अलग बनाता है। 

 पर सबसे पहले जानते हैं टेक्सटाइल और अपैरल मार्केट को।

Textile एंड Apparel प्रोडक्ट, मार्किट, रेवेनुए 

जब बात textile और apparel प्रोडक्ट की आती है तो भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा टेक्सटाइल और अपैरल प्रोडक्ट एक्सपोर्टर है। 

यानी आज की डेट में भारत दुनिया भर में अपना कपड़ा बेचता है, हालांकि भारत को बाहर भी कपड़ा बेचने की जरूरत नहीं है क्योंकि अधिकांश माल की आपूर्ति भारत के कस्टमर ही कर देते हैं। 

 भारत की कपड़ा मार्केट देश की जी.डी.पी में 2% से भी ज्यादा कंट्रीब्यूट करती है। और ऐसा माना जा रहा है कि आने वाले सालों में यह मार्केट देश की जीडीपी में और ज्यादा कंट्रीब्यूट्स कर सकती है। जैसा कि  आप नीचे दिए गए  चित्र नंबर 1मैं देख ही सकते हैं।

india united states and chine textile and apparel market stats
चित्र नंबर 1: भारत एवं दुनिया के कपड़ा बाजार का आंकड़ा (source)

इस चित्र में दिखाया गया है 

  • यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ अमेरिका की कपड़ा मार्केट दुनिया में सबसे ज्यादा रिवेन्यू जनरेट करती है। 
  • दूसरे नंबर पर आता है चाइना जो अपैरल मार्केट में सबसे ज्यादा रिवेन्यू जनरेट करता है।
  • तीसरे नंबर पर आता है इंडिया यानी भारत जो टॉप 3 कंट्रीज की लिस्ट में शामिल है  जहां  देश अपनी कपड़ा मार्केट से सबसे ज्यादा रेवेन्यू जनरेट करता है।

 2022 में इंडिया की टेक्सटाइल और अपैरल मार्केट की वैल्यू 172.3 billion-dollar बताई गई थी। इससे आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि भारत का कपड़ा बाजार वाकई में आपकी सोच से बड़ा है। 

पर  कपड़े के इतने बड़े बाजार के कारण भारत  में नए लोगों के लिए रिटेल कपड़ो का बिजनेस खोलना एक संघर्ष सा बन गया है । इसके कुछ  मुख्य कारण है ।  ऐसा माना जाता है कि

  • भारत में कपड़ा उद्योग सच में काफी  बढ़ चुके हैं ।  
  • ऐसा माना जाता है कि  ग्राहकों के पास अब कई सारे विकल्प मौजूद हैं । 
  • खरीदारों के पास  सौदेबाजी की अधिक शक्ति है । 
  • कंपटीशन  काफी ज्यादा बढ़ चुका है । 
  • बिजनेस में मार्जिन काफी कम है । 
  • ऑनलाइन बिजनेस से काफी ज्यादा खतरा है। 

ये सभी स्थितियाँ कपड़ा उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव डाल रही हैं। ऐसा माना जाता है  पर क्या सच में यही असलियत है ।  यदि आप भी रेडीमेड कपड़े का बिजनेस करना चाहते हैं पर कर नहीं पा रहे हैं तो शायद यह आर्टिकल आप ही के लिए है।

कपड़े का बिजनेस लोकप्रिय इसलिए है क्योंकि यह 12 महीने चलने वाला बिजनेस है। पर फिर भी कुछ भय के कारण यदि आप इसे शुरू करने में हिचकिचा रहे हैं तो एक झलक डालते हैं अपैरल और टेक्सटाइल सेक्टर में अपनी जगह बना रही एक अनोखी कंपनी Zudio पर।

Zudio क्या है?

आसान भाषा में अगर बताए तो Zudio एक फास्ट फैशन ब्रांड है जिसे सन 2016 में  लॉन्च किया गया था। इस ब्रांड को टाटा ग्रुप द्वारा बनाया गया था जिसकी देख रेख और ऑपरेशन का कार्य ट्रेंट लिमिटेड कंपनी संभालती है।  

Zudio से सीखें रेडीमेड कपड़े का बिजनेस
चित्र नंबर 2: Ratan Tata Affordable Brand Zudio

यह ब्रांड कपड़ों के अलावा  जूते, चप्पल, और कई सारी फैशन एक्सेसरीज  बेचता है। पर ब्रांड की यू.एस.पी  यानी  यूनीक सेलिंग प्रपोजिशन है  Zudio के प्रोडक्ट का “काम दाम.” 

दरअसल Zudio कम दाम पर बेहतरीन क्वालिटी के रेडीमेड कपड़े का बिजनेस करता है।  अब आप कहेंगे इसमें क्या खास बात है । 

वैसे तो Zudio का बिजनेस मॉडल दुसरे रेडीमेड कपड़ों के बिजनेस मॉडल की तरह ही है, लेकिन अगर आप रेडीमेड कपड़े का बिजनेस करना चाहते हैं तो आपको Zudio कि इस केस स्टडी पर अपना ध्यान देने की बेहद जरूरत है। 

क्योंकि यह Brand अन्य मॉडर्न ब्रांड की तरह नहीं बल्कि अपने कस्टमर एनालिसिस और मार्केट रिसर्च के दम पर एक बहुत competitive market में बड़ा मुकाम हासिल कर चुका है।

 Zudio से जुड़ी कुछ रोचक Facts

  • Zudio की शुरुआत सन 2016 में हुई थी और पहले ही साल इसने Rs. 103 करोड़ की सेल की थी।
  • सिर्फ 7 सालों के अंदर कंपनी अपनी सालाना सेल Rs. 103 करोड़ से लेकर Rs.3200 करोड़ तक ले जा चुकी है। 
  • हैरानी की बात है कि कंपनी ने एक भी रुपया  टीवी एडवरटाइजिंग और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट में इन्वेस्ट नहीं किया। 
  • कंपनी के पास आज 394 से भी ज्यादा स्टोर है जो पूरे भारत में फैले हुए हैं।

इन सब चीजों को देखकर लगता है कि Zudio ने भारत के कपड़ा बाजार  मैं एक बहुत ही मजबूत पकड़ बना ली है।  पर आखिर कंपनी यह सब कैसे कर रही है चलिए आइए जानते हैं। 

Zudio रेडीमेड कपड़े का बिजनेस कैसे करता है?

दरअसल टाटा ग्रुप की कंपनी Zudio भारत में किसी रेडीमेड कपड़े की दुकान की तरह ही काम करती है।  पर फर्क सिर्फ इतना है की Zudio किसी एक दुकान से नहीं बल्कि अपने 394 स्टोर्स से अपने रेडीमेड कपड़ों का बिजनेस करता है । 

दिलचस्प बात तो यह है कि Zudio के प्रोडक्ट का प्राइस एक छोटी दुकान की तरह है, पर Quality और Customer Experience किसी  बड़े शॉपिंग मॉल की तरह दिया जाता है।  

किसी शॉपिंग मॉल की तरह ही आप Zudio के Stores में जाकर खुद के लिए या अपने परिवार के  फैशन की जरूरतों के लिए सारी चीजें खरीद सकते हैं

उदाहरण के लिए आप Zudio shoes खरीद सकते हैं, टी शर्ट खरीद सकते हैं,  शर्ट खरीद सकते हैं, पैंट खरीद सकते हैं,  बेल्ट खरीद सकते हैं और कई तरह के कपड़े और पहनावे खरीद सकते हैं।  

Zudio Kolkata, Zudio Chennai, Zudio Bangalore, Zudio Nagpur, Zudio Delhi कई सारे फेमस ज़ुडियो स्टोर से जहां पर कस्टमर खरीदारी कर सकते हैं। 

Zudio की मार्केट रिसर्च & कस्टमर बिहेवियर 

रेडीमेड कपड़ों का बिजनेस यह कोई भी बिजनेस करने से पहले आपको यह जानना जरूरी है कि आपका कस्टमर कौन है। 

जैसे कि यहां पर फैशन ब्रांड Zudio का कस्टमर भारत की Youth Population है।

254 मिलीयन नौजवानों के साथ जिनकी उम्र 15 से 24 साल के बीच है भारत दुनिया में सबसे अधिक Youth Population वाला देश है। 

और  इसी चीज का फैशन ब्रांड् Zudio  फायदा उठा रहा है।

दूसरी रिसर्च कस्टमर पर की गई कि भारत  के कस्टमर आखिर कपड़ों को कैसे खरीदते हैं। 

दरअसल फैशन और अपैरल इंडस्ट्री में 5 प्रकार के कपड़ो का बिजनेस होता है और हर बिजनेस का अपना एक अनोखा कस्टमर होता है। जिन्हे कुछ इस प्रकार से  बताया गया है। 

  1. Super premium (सुपर प्रीमियम)
  2. Premium (अधिमूल्य)
  3. Medium (मध्यम) 
  4. Economical (किफ़ायती) 
  5. Low price segments (कम कीमत वाले खंड)

सुपर प्रीमियम वाले कपड़ों का बिजनेस Louis Vuitton, Gucci, Chanel, Dior, Burberry, जैसे ब्रांड कर रहे हैं।  यह ब्रांड ऐसे कपड़े बेचते हैं जिनका प्राइस Rs. 10,000 के ऊपर होता है। 

प्रीमियम कपड़ो का बिजनेस Nike, Raymon और  Peter England जैसे ब्रांड कर रहे हैं। यह ब्रांड ऐसे कपड़े बेचते हैं जिनक मैक्सिमम  प्राइस Rs. 10,000 और लोवेस्ट प्राइस Rs. 2000  या Rs. 5000 से शुरू होता है। 

मीडियम कपड़ो का बिजनेस अफॉर्डेबल ब्रांड्स करते हैं जो कम धाम पर हाई क्वालिटी प्रोडक्ट प्रोवाइड करते हैं।  यह बिजनेस अपने प्रोडक्ट का प्राइस Rs. 1000 और Rs. 2000 के बीच ही रखते हैं । 

इकोनॉमिकल प्राइस वाले कपड़ों का बिजनेस लोकल शॉप्स करती हैं जिनका लक्ष्य होता है लोगों को किफायती दाम पर प्रोडक्ट बेचना इनके प्रोडक्ट का प्राइस Rs. 1000 से नीचे होता है।

लो प्राइस सेगमेंट्स लोकल बाजार में लगे कपड़ों के स्टॉल को कह सकते हैं। जैसे कि दिल्ली की सरोजनी मार्केट जहां पर आप कपड़ों को Rs. 500 से Rs 250 से भी नीचे के प्राइस में खरीद सकते हैं।

फैशन ब्रांड्स Zudio ने पाया कि भारत में 55% से 60% पापुलेशन मिडिल क्लास है । इसीलिए इन्होंने अपने प्रोडक्ट का दाम तो इकोनॉमिकल रखा लेकिन क्वालिटी किसी प्रीमियम ब्रांड की तरह रखी, तो कह सकते हैं कि यह मीडियम प्राइस वाले प्रोडक्ट सेल करते हैं। 

इसीलिए आज आप Zudio के किसी भी स्टोर पर अगर जाए तो देखेंगे कि प्रोडक्ट का प्राइस  ₹99 से ₹999 के बीच ही है । लेकिन Zudio कम दाम पर हाई क्वालिटी प्रोडक्ट अपने कस्टमर को कैसे बेच पा रहा है आइए जानते हैं। 

Zudio की प्राइस & प्रॉफिट स्ट्रेटजी 

क्योंकि Zudio का अपना बिजनेस मीडियम प्राइस वाली कैटेगरी में चलाना था। इसलिए कंपनी अपने प्रोडक्ट का प्राइस  ₹999 के नीचे ही रखना चाहती थी।  

पर  दूसरी तरफ कंपनि ये भी चाहती थी कि कस्टमर को हाई क्वालिटी प्रोडक्ट दिया जाए । पर समस्या ये थी की इससे कंपनी का  प्रोडक्ट मार्जिन काफी कम हो सकता था।  

और यहां पर कंपनी के पास सिर्फ दो ऑप्शन थे

हाई वॉल्यूम पर लो मार्जन प्रोडक्ट सेल करें ।

हाई मार्जिन पर लो वॉल्यूम प्रोडक्ट सेल करें । 

अगर कंपनी हाई मार्जिन पर प्रोडक्ट बेचती तो इससे  उसके प्रोडक्ट का प्राइस  ₹1000 से ऊपर चला जाता जो कंपनी की यू.एस.पी के लिए खतरा था ।  

इसलिए कंपनी के पास सिर्फ एक ही ऑप्शन बचा हाई वॉल्यूम सेल्स करें और लो मार्जिन से अपना प्रॉफिट निकाले ।  जिसके लिए कंपनी ने सीधे manufacturer से  अपना  लिंक बनाया ।  

कंपनी आज बड़ी मात्रा में अपना प्रोडक्ट या कहें कपड़े सीधे manufacturer से बनवाती है और अपने स्टोर्स पर भेजती है । 

पर बिना कस्टमर के तो कोई भी दुकान चल नहीं सकती,

पर आप यकीन नहीं करोगे कि Zudio के स्टोर्स हमेशा भरे रहते हैं । तो आखिर कंपनी ने ऐसा क्या किया  की Zudio स्टोर्स 12 महीने चलते रहते हैं । चलिए अब इसे जानते हैं।  

Zudio की मार्केटिंग स्ट्रेटजी 

Zudio online shopping
चित्र नंबर 3: Zudio Marketing Strategy

आपने देखा होगा कि Zudio ने टीवी पर या किसी भी सेलिब्रिटी के साथ अपने ब्रांड के लिए कोई भी Advertisement नहीं की है।  

लेकिन अगर आप सोशल मीडिया पर वीडियो के बारे में सर्च करेंगे तो आप पाएंगे कि कई सारे social media influencers या आम पब्लिक अपने सोशल मीडिया अकाउंट से Zudio  के बारे में पोस्ट कर रहे हैं। 

जिसका फायदा Zudio शुरू से ही उठा रहा है। दरअसल कंपनी  ने अपने कस्टमर  पर काफी ज्यादा रिसर्च की है। और जैसा कि हमने कहा  कि इसकी कस्टमर सिर्फ भारत की Youth Population ही है जो सोशल मीडिया पर काफी ज्यादा एक्टिव रहती है। 

कंपनी को  मालूम था कि यंग पापुलेशन उसके कपड़ों को खरीद कर सोशल मीडिया पर पोस्ट करेंगे और अपने फ्रेंड्स और फोल्लोवेर्स के साथ अपने कपड़ों के बारे में बातें करेंगे। 

ऐसा इसलिए  क्योंकि बेशक Zudio कम दाम  वाले कपड़े सेल करता है पर वह अपने कस्टमर को  एक Luxury Shopping Experience प्रोवाइड करता है।  

कस्टमर इससे काफी प्राउड फील करता है जिसके बारे में वह अपने दोस्तों  को भी बताता है। तो सीधे शब्दों में बात करें तो कंपनी की मार्केटिंग Word of Mouth से हो रही है। 

Zudio Online Shopping क्यों नहीं कर सकते?

एक इंटरेस्टिंग बात यह है कि Zudio Online Shopping आपको देखने को नहीं मिलेंगे। आप गूगल पर भी सर्च कर सकते हैं  ज़ुडियो ऑनलाइन शॉपिंग। 

रिजल्ट में आपको सिर्फ Zudio की वेबसाइट देखेगी जहां से आप प्रोडक्ट को खरीद नहीं सकते हैं। 

Zudio Online Shopping Store
चित्र नंबर 3: Zudio Marketing Strategy

ऐसा इसलिए है क्योंकि ऑनलाइन शॉपिंग से Zudio पर Delivery Charges का दबाव पड़ेगा  साथ ही साथ इससे उसके मार्केटिंग के खर्चे में भी बढ़ोतरी होगी। 

और क्यों की Zudio पहले से  Low Margin पर अपने प्रोडक्ट की बिक्री करता है इससे उसके लाभ हानि में बदल सकते हैं। इसलिए कंपनी का सीधा एक ही लक्ष्य है कि उसके कस्टमर्स Zudio के शॉपिंग स्टोर से ही फैशन अपैरल को खरीदें।

अब आप सोच रहे होंगे कि शॉपिंग स्टोर खोलने से तो Zudio का खर्चा और ज्यादा बढ़रहा होगा। खैर इसके पीछे भी जोड़ो कि एक  यूनीक बिजनेस स्ट्रेटजी है जो उसके बिजनेस मॉडल से हम जानेंगे।

Zudio का बिजनेस मॉडल और रेवेनुए

Zudio अपना रेडीमेड कपड़ो का बिजनेस अपने 394 शॉपिंग स्टोर्स से कर रहा है। कंपनी के बिज़नेस मॉडल का नाम है FOCO।

FOCO का मतलब है Franchise Owned एंड Company Operated. 

बिजनेस मॉडल के अनुसार, फ्रेंचाइजी Zudio के स्टोर का अधिकार (Rights) खरीदेगा और अपने खुद के पैसे निवेश करके Zudio के स्टोर्स को अपने शहर में ऑपरेट करेगा। 

हर एक फ्रेंचाइजी इसमे से अपना एक फ्रेंचाइजी मार्जिन सुरक्षित करता है। इन सभी स्टोर्स में कस्टमर बड़ी तादात में आते है क्यूंकि हर स्टोर के आगे एनीथिंग अंडर ₹999 का बोर्ड लगा होता है।  हालाँकि कंपनी 2016 से ही प्रॉफिटेबल रही है, लेकिन 2019 के बाद से इसने अपने रेवेनुए में एक बड़ी growth हासिल की है।

Zudio-revenue-statistics
जैसे की आप देख ही सकते हैं की Financial Year 2019 में कंपनी ने 2,040 मिलियन का Revenue बनाया, FY20 में 4,780 million, FY21 में 4,800 million, FY22 में 11,082 million, और FY23 में 35,371 million का Revenue Zudio ने generate किया। Source

निष्कर्ष

तो इस तरह से Zudio अपना रेडीमेड कपड़ों का बिजनेस चलाता है। आप भी Zudio से ऐसे ही मार्केटिंग रिसर्च, प्राइस स्ट्रेटजी और बिजनेस स्ट्रेटजी इस लेख के माध्यम से सीख सकते हैं और अपने कपड़ों के बिजनेस को 12 महीने चलने वाला बिजनेस बना सकते हैं। ऐसे ही और ज्ञान के लिए Gyanfry  के साथ जुड़े रहिए । धन्यवाद !

Sahil Dhimaan
Sahil Dhimaan

Hi, Sahil Dhimaan this side. I'm a passionate about entrepreneurship, startup, business, online marketing, innovative tech and online business growth.