बिजनेस कैसे करें? सरल भाषा में जानिए [2023]

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व्यापार शुरू करना एक ऐसा कदम है जो हमारे जीवन को पूरी तरह बदल सकता है। बिजनेस कैसे करें, ये सोचना ही न केवल आपके सपनों को पूरा करने का माध्यम हो सकता है, बल्कि ये आपकी नौकरी वाली जिंदगी से एक उज्वल भविष्य की और आरंभ हो सकता है।

अगर आप तैयार हैं अपना खुद का बिज़नेस शुरू करने के लिए, तो ये जान लेना काफी जरूरी है की उज्वल भविष्य की और यह सफर आसान नहीं होने वाला।

बिजनेस कैसे करें ये बढ़ा ही दिलचस्प प्रश्न है। ऐसा इसलिए क्यूंकि व्यापार शुरू करने के लिए आपको कुछ महत्वपूर्ण कदम उठाने पड़ते हैं। जैसे आपको बिजनेस प्लानिंग करनी पड़ेगी, वित्तीय प्लानिंग करनी पड़ेगी, इसके साथ-साथ, कई कानूनी प्रक्रियाओं का भी पालन करना पड़ेगा।

तो क्या बिज़नेस शुरू करना आसान है या मुश्किल?

ये इस बाद पर निर्भर करता है की आप अछि तरह से क्या समझ पाए – बिजनेस कैसे शुरू करें? या शुरू कर लेने के बाद असली बिजनेस कैसे करें? दोनों में अंतर है।

तो आइये सरल भाषा में इसपर गौर करते है।

1# बाजार अनुसंधान करें (Conduct Market Research)

बाजार अनुसंधान “बिजनेस कैसे करें” इस प्रश्न का सबसे सरल और पहला उत्तर है। Market Research से आपको पता चलेगा कि आपके विचार को एक सफल व्यापार में बदलने के लिए बाजार आपको मौका दे रहा है या नहीं।

यह एक तरीका है जिससे आप वो जानकारी इकट्ठा कर सकते हैं जो आपके क्षेत्र में ग्राहकों तक पहुँच बनाने और पहले से मौजूद व्यवसायों से बेहतर बनने में सहायता करता है

बाजार अनुसंधान करने के लिए आप निचे दिए गए सरल तरीका भी इस्तेमाल कर सकते हैं जिसमें लक्षित बाजार के बारे में जानकारी इकट्ठा करने और विश्लेषण करने की प्रक्रिया शामिल है:

डेटा संग्रहण (Data Collection) + विश्लेषण (Analysis) = बाजार अनुसंधान (Market Research)

1. डेटा संग्रहण (Data Collection): इसका अभिप्राय है की आपको टार्गेटेड कस्टमर के बारे में डेटा जैसे जनसंख्या, पसंद, व्यवहार, और प्रवृत्तियों को इकट्ठा करना है।

2. विश्लेषण विश्लेषण (Analysis): इकट्ठा किये गए डेटा को ध्यान से देखें इससे आपको समझ में आएगा कि आपके दर्शक की आवश्यकताएँ, पसंदें और प्रतिस्पर्धात्मक परिदृश्य क्या हैं और किस प्रकार है।

इस सूत्र का पालन करके, आप पूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और इसे आधार बनाकर जानकार निर्णय ले सकते हैं और अपनी व्यवसायिक रणनीतियों को उसके आधार पर बना सकते हैं।

2# बिजनेस प्लानिंग (Business Planning)

बिज़नेस एक महाद्वीप की तरह होता है जिसका नक्शा बिजनेस प्लानिंग द्वारा तैयार किया जाता है। बिज़नेस प्लान में आप अपने आइडियाज को अपनी बिज़नेस में आवश्यकताओं की पूर्ती में परिवर्तित करते हैं।

तो प्लानिंग से बिजनेस कैसे करें शुरू? सरल भाषा में कहे तो बिजनेस प्लानिंग, मानवीय सोच और आर्थिक समझ का एक unique combination है। अच्छे बिज़नेस प्लान के लिए बिज़नेस में प्राथमिकता (Business Priority) की पहचान करना अति आवश्यक होता है।

व्यापर में प्राथमिकताओं की पहचान आपको बताता ही “सबसे पहले बिजनेस में क्या जरूरी है?” जिसका जवाब आपको सही दिशा में आगे बढ़ने में मदद करता है और व्यवसाय में लक्ष्य प्राप्ति सरल बना देता है।

बिजनेस में प्राथमिकताओं की पहचान करने के लिए व्यावसायिक योजना तैयार करने के सूत्र की भी सहायता ले सकते है जो कुछ इस प्रकार है:

दृष्टि (Vision) + विश्लेषण (Analysis) + क्रियान्वयन (Execution) = व्यावसायिक योजना (Business Planning)

1. दृष्टि (Vision): आपके व्यावसायिक लक्ष्य क्या है? मिशन, और मूल्यों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करें। ध्यान दें कि आप अपने व्यावसायिक क्षेत्र में कैसे पहुँचना चाहते हैं।

2. विश्लेषण (Analysis): आपके कस्टमर, और आपके टार्गेटेड बिज़नेस कॉम्पिटिटर का गहराई से विश्लेषण करें। अपने सामर्थ्य, कमियों, अवसरों, और खतरों का विश्लेषण करें।

3. क्रियान्वयन (Execution): एक विस्तृत कार्रवाई योजना तैयार करें जिसमें आप अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कैसे कार्रवाई करेंगे, यह भी बिजनेस प्लानिंग में शामिल है।

ध्यान दें, व्यावसायिक योजना एक Continuous Process है जो बदलती परिस्थितियों और अध्ययनों के अनुरूप बदलती है। लेकिन बिजनेस प्लानिंग से आपको एक आईडिया मिल ही जाता है की आगे बिजनेस कैसे करें या उसे कैसे चलाये रखें।

3# व्यावसा के लिए धनराशि (Business Funding)

अपने व्यवास को शुरू करने के लिए जितने पैसे आपकी योजना के अनुसार चाहिए, अगर उतना पैसा आपके पास उपलब्ध नहीं हैं तो बिजनेस कैसे करें? इसका समाधान है Business Funding, यानी आपको उन पैसों को इकट्ठा करने या उधार लेने की आवश्यकता होगी।

भाग्यवश, आजकल ये पैसे प्राप्त करने के लिए आपके पास बहुत सारे तरीके हैं। जैसे की –

आवंटन (Bootstrapping): यह विकल्प खुद के संसाधनों का उपयोग करके व्यवसाय चलाने का है, जैसे कि बचतों, बिक्री या स्वतंत्र धन से।

दोस्तों और परिवार से उधार (Borrowing): आपके पास परिवार के सदस्यों या दोस्तों से पूंजी उधार लेने का विकल्प हो सकता है।

वेंचर कैपिटल (Venture Capital): यह वित्तीय निवेशकों को आपके व्यवसाय में पूंजी प्रदान करने का विकल्प है, जिन्हें आपके व्यवसाय में Shareholder बनने में रुचि होती है।

– बैंक ऋण (Bank Loan): व्यवसाय के लिए बैंकों से ऋण लेना एक सामान्य विकल्प है, जिसमें आप नियमित रकम उधार लेते हैं और ब्याज के साथ वापस करते हैं।

बिना ब्याज ऋण (Interest-Free Loan): कुछ समुदायों या धार्मिक संगठनों से आपको ब्याज के बिना ऋण मिल सकता है, जो बिजनेस कैसे करें इसे सरल बनाता है।

एंजेल निवेशक (Angel Investor): ये कोई भी व्यक्ति, कंपनी या इन्वेस्टर हो सकता है जो छोटे व्यवसायों में निवेश करते हैं।

क्राउडफंडिंग (Crowdfunding): इंटरनेट प्लेटफ़ॉर्मों पर व्यक्तिगत लोगों से छोटे राशि में पूंजी जुटाने का विकल्प होता है।

व्यवसाय चलाने के लिए जितने पैसे चाहिए, वह आपकी व्यवसाय योजना से पता चलेगा। अगर उस राशि का आपके पास नहीं है, तो आपको उसे इकट्ठा करने या उधार लेने की आवश्यकता होगी।

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4# बिजनेस स्थान चुनें (Business Location)

आपके व्यापार के स्थान का चयन करना आपकी सबसे महत्वपूर्ण फैसलों में से एक है। चाहे आप एक भव्य दुकान खोल रहे हों या ऑनलाइन स्टोर लॉन्च कर रहे हों, आपके किए गए चुनाव आपके कर, कानूनी आवश्यकताओं और आय पर असर डाल सकते हैं।

एक आदर्श व्यापारिक स्थान ढूंढ कर बिजनेस कैसे करें,आइये जानते हैं।

1. स्थान के लक्ष्य तय करें: सबसे पहले, आपको यह तय करना होगा कि आपके व्यापार के लक्ष्य क्या हैं। आपकी टारगेट आडियंस, उत्पाद या सेवाओं का प्रकार और आपकी व्यापारिक धाराओं को मद्देनजर रखकर स्थान का चयन करें।

2. टारगेट मार्केट की अध्ययन करें: आपकी प्रमुख ग्राहक बाजार के बारे में विवरण प्राप्त करें। उनकी आवश्यकताओं, पसंदीदा स्थलों और उनकी लोकेशन प्राथमिकताओं को समझें।

3. संगठन की आवश्यकताओं को मापें: आपके व्यापार की आवश्यकताओं को समझने के लिए संगठन की स्थान से संबंधित आवश्यकताओं को मापें। उदाहरण स्वरूप, आपको कितने वर्ग फुट की दुकान की आवश्यकता है, क्या प्रकार की सुविधाएँ आवश्यक हैं और आपके कर्मचारियों की संख्या क्या होगी।

4. कंपटीशन की अनुसंधान करें: आपके क्षेत्र में प्रतिस्पर्धी व्यवसायों का अध्ययन करें। देखें कि कौन-कौन से व्यवसाय आपके चयनित क्षेत्र में प्रस्तुत हैं और उनका क्या प्रभाव हो सकता है।

5. स्थान की पहुँच समझें: आपके ग्राहकों को आसानी से पहुँचने वाले स्थान का चयन करें। ट्रैफिक, पार्किंग सुविधाएँ, पब्लिक ट्रांसपोर्ट कनेक्शन आदि के माध्यम से स्थान की पहुँच का मूल्यांकन करें।

6. इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाएँ: व्यवसायिक गतिविधियों के लिए आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुविधाओं की जाँच करें। बिजली, पानी, इंटरनेट, सुरक्षा सुविधाएँ आदि की उपलब्धता की जाँच करें।

7. कर और नियमावली की जाँच: यदि स्थान व्यवसाय करने के लिए हो तो, स्थान क्षेत्र की कर और नियमावली की जाँच करें। यह स्थान पर आपके करोबार को कैसे प्रभावित कर सकता है, इसे समझें।

8. भविष्य की विचारशीलता: आपके व्यापार के लिए उपयुक्त स्थान का चयन करते समय भविष्य में बिजनेस कैसे करें ऐसे वाली विकास योजनाओं को भी मद्देनजर रखें।

9. सामाजिक और आर्थिक परियोजनाएँ: स्थान क्षेत्र में चल रही सामाजिक और आर्थिक परियोजनाओं की जानकारी प्राप्त करें। ये आपके व्यापार को प्रभावित कर सकती हैं।

10. संभावित ग्राहकों से परामर्श: यदि संभव हो, तो वर्तमान और संभावित ग्राहकों से सलाह और परामर्श प्राप्त करें की बिजनेस कैसे करें। उनकी राय को सुनकर स्थान का चयन करें।

ध्यान दें कि आदर्श व्यापारिक स्थान खोजने में कुछ समय लग सकता है, लेकिन यह आपके व्यापार के लिए महत्वपूर्ण होता है।

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5# बिज़नेस का बुनियादी ढांचा (Business Structure)

यदि आप एक व्यापार शुरू करने की सोच रहे हैं, तो “बिज़नेस स्ट्रक्चर” बिजनेस कैसे करें में एक जरूरी कदम है। यानी कि व्यापार की ढांचा का चयन करना। यह तय करने में मदद करेगा कि आपका व्यापार कैसे संरचित होगा और कैसे काम करेगा।

जैसे कि आप एक घरेलू व्यक्ति हो और आपने एक छोटे से कारोबार की शुरुआत करने की सोची है, तो आपके पास कुछ विकल्प हो सकते हैं। यहां कुछ उदाहरण हैं:

1. सोल प्रोप्राइटरशिप (व्यक्तिगत स्वामित्व): इसमें आप अपने व्यवसाय के मालिक होते हैं और उसके लिए जिम्मेदारी उठाते हैं। यह सबसे सरल और सामान्य विकल्प हो सकता है।

2. पार्टनरशिप: अगर आप किसी और के साथ मिलकर व्यवसाय करना चाहते हैं, तो पार्टनरशिप एक विकल्प हो सकता है। इसमें आप और आपका साथी मिलकर कारोबार चलाते हैं और लाभ बाँटते हैं।

3. लिमिटेड लिएबिलिटी कंपनी (LLC): यह विकल्प आपको व्यापारिक और व्यक्तिगत जिम्मेदारियों को अलग करने की अनुमति देता है। इसमें आपका व्यक्तिगत संपत्ति सुरक्षित रहता है और कंपनी के लिए आपकी जिम्मेदारी सीमित होती है।

ये तो कुछ उदाहरण हैं। आपके व्यापार के प्रकार, आपकी आवश्यकताओं और स्थितियों के आधार पर आपको सही बिज़नेस स्ट्रक्चर का चयन करना होगा और बिजनेस कैसे करें यह सुनिश्चित करना होगा।

6# व्यापार का नाम चुने (Business Name Selection)

व्यवसायिक दुनिया में, आपके व्यापार का नाम बहुत महत्वपूर्ण होता है। एक बेहद सामान्य नाम (जैसे की Lalu Lal Halwai) भीड़ का हिस्सा बन कर रह जायेगा, पर वही एक अनोखा नाम (जैसे की Amazon) लोगो को आकर्षित करेगा,

लम्बा और सुना सुनाया नाम आपके व्यवसाय को अनदेखा कर सकते हैं। पर दूसरी और एक अद्वितीय व्यापार नाम चुनने से आपके व्यवसाय का आकर्षण बढ़ सकता है और लोग हमेशा के लिए याद रख सकते हैं। इसमें आपके market research बहुत काम आएगी।

इससे पहले की हम जाने बिजनेस कैसे करें, बिज़नेस नाम का चुनाव आप कुछ इन प्रकार से कर सकते हैं।

1. व्यक्तिगत नाम (Personal Name): यह नाम किसी व्यक्ति के नाम पर आधारित होता है, जैसे कि “विराट कोहली” या “एलन मस्क”.

2. वर्णनात्मक नाम (Descriptive Name): इस प्रकार का नाम आपके व्यापार की विशेषताओं या उत्पाद की विशेषताओं को वर्णित करता है, जैसे कि “स्पीडी कुरियर” या “ग्रीन ग्रोव ऑर्गेनिक्स”.

3. उपकरण नाम (Functional Name): यह नाम आपके उत्पाद या सेवाओं के काम को दर्शाता है, जैसे कि “वेबवीडियो” या “स्पीडटेस्ट”.

4. असत्य नाम (Fanciful Name): इस प्रकार के नाम को नए शब्दों की समृद्धि के साथ बनाया जाता है और इनका कोई अर्थ नहीं होता, जैसे कि “कोडाक” या “कोका-कोला”.

5. अव्यक्त नाम (Arbitrary Name): इस प्रकार के नाम को किसी साधारण शब्द का चयन करके बनाया जाता है, जिसका सीधा संदर्भ व्यापारिक नहीं होता, जैसे कि “एप्पल” या “मिस्टर क्लीन”.

6. यूनिक नाम (Unique Name): ये नाम सामान्यत: नए शब्दों से बनाए जाते हैं और उनका कोई पूर्वाग्रह नहीं होता, जैसे कि “गूगल” या “एयरबन्ब”.

7. संक्षिप्त नाम (Acronym): यह नाम किसी वाक्यांश के पहले अक्षरों की संक्षेपित रूप होता है, जैसे कि “IBM” (International Business Machines) या “NASA” (National Aeronautics and Space Administration).

8. ब्लेंडेड नाम (Blended Name): इस प्रकार के नाम में दो अलग-अलग शब्दों का मिश्रण किया जाता है, जैसे कि “Microsoft” (Microcomputer + Software) या “FedEx” (Federal + Express).

9. यूनीसेक्स नाम (Unisex Name): इस प्रकार का नाम लड़कों और लड़कियों दोनों के लिए उपयोगी होता है, जैसे कि “सम्संग” (Samsung) या “एप्प्ल” (Apple).

10. शैलीशील नाम (Stylized Name): इस प्रकार के नाम में विशेष डिज़ाइन और शैली का उपयोग किया जाता है, जिससे नाम यादगार और चुनौतीपूर्ण बनता है, जैसे कि “eBay” या “Toys ‘R’ Us”.

ये कुछ विभिन्न प्रकार के ब्रांड नाम हैं, जो व्यापारिक व्यवस्था में उपयोग किए जाते हैं। आपके व्यापार के माध्यम से जिन भावनाओं को प्रकट करना चाहते हैं, उसके आधार पर आप उपयुक्त ब्रांड नाम का चयन कर सकते हैं।

7# व्यापार का पंजीकरण (Business Registration)

भारत में व्यापार पंजीकरण करके, आपका व्यापार और आपकी पहचान सुरक्षित रहते हैं। यानी अगर आपका बिज़नेस नाम (brand name) एक बार आपके नाम पर पंजीकृत हो गया तो उसे कोई भी कॉपी नहीं कर सकता।

उदाहरण के लिए, अगर किसी व्यक्ति का व्यापार पंजीकृत है, तो उसके पास उसके व्यापार से संबंधित सभी कानूनी दस्तावेज होते हैं।

व्यापार पंजीकरण करने से आपको विभिन्न वित्तीय सुविधाएँ मिलती हैं, जैसे कि व्यापारिक ऋण में सरलता और current bank account से लेन-देन में सुगमता। यह आपके व्यापार की वित्तीय गतिविधियों को सुचारु बनाने में मदद करता है।

भारत में व्यापार पंजीकरण कैसे करें और कानूनी रूप से बिजनेस कैसे करें?

1. प्रक्रिया की समझ: सबसे पहले, आपको भारतीय कानूनों और नियमों की प्रक्रिया को समझना होगा। आपको यह जानने में मदद मिलेगी कि कौन-कौन से दस्तावेज आवश्यक होते हैं और कैसे प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है।

2. व्यापार का प्रकार: आपको यह तय करना होगा कि आपका व्यापार किस प्रकार का है – उदाहरण स्वरूप, एकल व्यक्ति का व्यापार, फर्म, लिमिटेड कंपनी आदि।

3. दस्तावेज तैयारी: आपको आवश्यक दस्तावेज तैयार करने होंगे, जैसे कि पंजीकरण आवेदन, व्यापार प्रोफाइल, प्रमाणपत्र आदि।

4. आवेदन प्रक्रिया: व्यापार पंजीकरण के लिए आवेदन प्रक्रिया का पालन करें। यह आमतौर पर ऑनलाइन या ऑफ़लाइन तरीके से किया जा सकता है।

5. कर पंजीकरण: आपको व्यापार के लिए उचित कर पंजीकरण भी करवाना होगा। जैसे की GST (Goods and Services Tax) जिसमे आप व्यापार के लिए करों को सही तरीके से भरते हैं और चुकता करते हैं।

ध्यान दें कि यह एक सामान्य मार्गदर्शन है और आपको विशिष्ट प्रक्रिया के बारे में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए स्थानीय अधिकारियों या वकीलों से संपर्क करना चाहिए। सुनिश्चित करें की जिस बिज़नेस को आप करने के बारे में सोच रहे हैं उसका लाइसेंस या परमिट आपने प्राप्त कर लिया है।

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8# विपणन (Marketing)

मार्केटिंग वह प्रक्रिया है जिसमें किसी उत्पाद या सेवा को लोगों तक पहुँचाने के लिए विभिन्न तरीकों का उपयोग किया जाता है। यह उस समय की बात है जब आप किसी चीज़ को बेचने की कोशिश करते हैं और लोगों को उसके बारे में जानकारी देने का तरीका।

उदाहरण देखें तो अगर आप किसी नए मोबाइल फ़ोन का विपणन कर रहे हैं, तो आप उसकी विशेषताओं और लाभों को लोगों के सामने प्रस्तुत करने के लिए विभिन्न माध्यम जैसे कि विज्ञापन, सोशल मीडिया, और वेबसाइट का उपयोग कर सकते हैं।

मार्केटिंग के प्रकार और उनकी आवश्यकता के बारे में जानकारी और इनसे बिजनेस कैसे करें इस प्रकार है :

1. डिजिटल मार्केटिंग: डिजिटल मार्केटिंग उन लोगों के लिए आवश्यक है जो ऑनलाइन माध्यमों का उपयोग करके अपने उत्पाद या सेवाओं को प्रमोट करना चाहते हैं। यह विशेष रूप से व्यवसायियों, ई-कॉमर्स कंपनियों, वेबसाइट विकसित करने वालों, ऐप डेवलपर्स, आदि के लिए उपयुक्त है।

2. सोशल मीडिया मार्केटिंग: सोशल मीडिया मार्केटिंग उनके लिए महत्वपूर्ण है जो सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्मों का उपयोग करके अपने ब्रांड को प्रमोट करना चाहते हैं। यह विशेष रूप से युवा जनरेशन, सोशल नेटवर्किंग साइटों के उपयोगकर्ताओं, फैशन इंडस्ट्री, आदि के लिए उपयुक्त है।

3. टेलीमार्केटिंग: टेलीमार्केटिंग उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो फ़ोन कॉल्स के माध्यम से उत्पाद या सेवाएं प्रमोट करना चाहते हैं। यह विशेष रूप से वित्तीय सेवाएं, बी2ब व्यवसाय, और वित्तीय उत्पादों के लिए उपयुक्त होता है।

4. आउटडोर मार्केटिंग: आउटडोर मार्केटिंग उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण है जो बाहरी स्थानों पर विज्ञापन करके लोगों तक अपने संदेश पहुँचाना चाहते हैं। यह विशेष रूप से रिटेल व्यवसाय, इवेंट्स और प्रमोशन, बिलबोर्ड विज्ञापन, आदि के लिए उपयुक्त होता है।

5. इनफ्लुएंसर मार्केटिंग: इनफ्लुएंसर मार्केटिंग उन लोगों के लिए आवश्यक है जो सामाजिक मीडिया पर प्रमोशन करने के लिए प्रसिद्ध व्यक्तियों का उपयोग करना चाहते हैं। यह विशेष रूप से युवा उपयोगकर्ताओं, फैशन और ब्यूटी ब्रांड्स, नवाचारी उत्पादों के लिए उपयुक्त है।

यहाँ दिए गए प्रकार सिर्फ़ एक सार्वजनिक दृष्टिकोण हैं और अधिकांश व्यवसायों के लिए यहाँ से एक विशिष्ट उपयोग केंद्रित करना महत्वपूर्ण होगा।

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9# बिज़नेस एकाउंटिंग (Business Accounting)

अंत में हमारे पास आती है बिज़नेस एकाउंटिंग जो बिज़नेस में अहम् भूमिका निभाती है। बिज़नेस एकाउंटिंग का मतलब होता है व्यापारिक लेन-देन की विशेष प्रक्रिया। यह व्यवसायों को उनके वित्तीय हालात की जानकारी देने में मदद करती है ताकि वे सही निर्णय ले सकें। इसके द्वारा व्यवसायों का वित्तीय स्वास्थ्य और प्रगति की दिशा में पूरी जानकारी होती है।

यदि हम इसका उदाहरण देखें, तो सोचिए आपने एक छोटे सा फ़ूड कार्ट व्यवसाय शुरू किया है। आप रोज़ाना खरीददारों से धन प्राप्त करते हैं और उन्हें खाने का सामान देते हैं। अब अगर आप यह जानना चाहते हैं कि आपका व्यवसाय कितना कमा रहा है और कितना खर्च हो रहा है, तो आपको व्यापारिक लेन-देन की जरूरत होगी, जिसे हम “बिज़नेस एकाउंटिंग” कहते हैं।

इसके द्वारा आप यह जान सकते हैं कि कितनी बिक्री हुई है, कितना सामान खरीदा गया है, कितना मुनाफ़ा हुआ है, और कितने पैसे आपके पास बचे हैं। यह जानकारी आपको आपके व्यवसाय की सही दिशा में मदद करेगी। तो बिजनेस कैसे करें और उसे चलाये कैसे रखे हमने आखिरकार इसे समझ ही लिए।

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Conclusion (निष्कर्ष)

बिजनेस करना एक उत्कृष्ट तरीका है आपके आविष्कार और उद्यमिता को अभिव्यक्त करने का। तो कोई बिजनेस कैसे करें, सही दिशा, योजना, और प्रयास से, आप व्यवसायिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं। सरल शब्दों में कहना हो की बिजनेस कैसे करें तो अपनी प्राथमिकताओं को साफ़ करें, लक्ष्य तय करें, और अपने ग्राहकों की आवश्यकताओं को समझें। उदाहरण के रूप में, अगर आपका पैसे बचाने का उद्देश्य है, तो आप ऑनलाइन दुकान शुरू करके बिक्री कर सकते हैं या स्थानीय सेवाओं का उपयोग करके एक स्थानीय स्वयंसेवी व्यवसाय खोल सकते हैं। समय समय पर समीक्षा करते रहें, नए अवसरों की पहचान करें, और अपने व्यवसाय को सुरक्षित और विकसित बनाने के लिए निरंतर प्रयास करें।

Sahil Dhimaan
Sahil Dhimaan

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